Monday, May 24, 2010

ख्वाहिश ...!!!



सिर्फ इतना ही कहा है, प्यार है तुम से
जस्बातों की कोई नुमायिश नहीं की


प्यार के बदले सिर्फ प्यार माँगा है
रिश्ते की तो कोई गुज़ारिश नहीं की


चाहो तो भुला देना हमें दिल से
सदा याद रखने की सिफारिश नहीं की


ख़ामोशी से तूफ़ान सह लेते है जो
उन बादलों ने इज़हार की बारिश नहीं की


तुम मैं ही माना है रहनुमा अपना
और तो किसी चीज़ की ख्वाहिश नहीं की….

2 comments:

Unknown said...

Sapno Mae Dikhta Hai Jo, Vo Aanjana hota hai,
Kwahisho Mae Dekhte Hai Jise, Vo Humsaya Hota Hai.

Kwahishe Aapki Haqiqat Aise Bane, Haqiqat Mae Aakar Vo, Aapki Har Kwahish Poori Kare.

संजय भास्‍कर said...

kafi dino bad mai tumhari poems padh rahi hu