Monday, May 3, 2010

तू है यही कहीं ......!!!!


जुड़ गयी जुड़ गयी तुझ से
यह मेरी ज़िन्दगी
मैंने तो पायी तुझ में मेरी हर ख़ुशी
कह गयी कह गयी मुझसे
खुद ये बातें तेरी
अक्सर खयालो में हूँ तेरे
मैं कहीं देखू मैं तुझे
लम्हा लम्हा हर पल अपने सीने में रखु
हर सुबह तुझसे मिलने की चाहत
में मैं जगु
एक तू ही तो है होठो की हसी
चेहरे का नूर तू


बस गयी बस गयी मुझे में अब
है ये बस गयी
साँसों से आये हर दम खुश्बो जो तेरी
छा गई छा गयी मुझ पे ये जो
हैं छ गयी
बदली है शायद ये तोह तेरे इश्क की
येही है मेरे दिल की हसरत पैह्रों
तुझसे बातें में करू
हो सारी बातें तुझ पे ख़तम
और तुझसे हो शुरू
फिर वक़्त भी यह रुक जाए
और हर पल तू साथ हो
पल

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