Thursday, May 6, 2010

क्या करते .....????


महोब्बत के अनोखे थे सभी अंदाज़ ..... क्या करते ..?
रहे हम भी गुमसुम आप भी नाराज़ .....क्या करते ॥?
लबो पर बात आई , पर ना थी आवाज़ क्या करते ...?
भीड़ मै हम खो गए कुछ इस तरह चैन पाने को ,
अकेले मै सताती थी तेरी आवाज़ .... क्या करते ?
दिल उस ने पल मै तोड़ दिया
उसे पसंद थी टूटे कांच की आवाज़ ... क्या करते
सजा कर सौ तब्बसुम तुम से छुपाती थी
मगर जन कर वो... तुम क्या करते...?
PG

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