Tuesday, June 24, 2008

एक यही ख्वाहिश

वक्त रुक जाए उस वक्त जब आप साथ हों

दूर तलक हों चंदा की चादनी और हाथों मैं उनके मेरा हाथ हों

बस एक यही ख्वाहिश है

जी भर सजाऊँ आखो मैं सपने

आप हों कुछ करीब अपने

हवाओं का जोंका कुछ खाश हों

बस एक यही ख्वाहिश है

ना कुछ कहे वो न लब मेरे कुछ बयां करे

हों कभी हम जुदा ऐसे खुदा ना करें

दिल मैं उनके भी मेरे जैसे कुछ जस्बात हों

बस एक यही ख्वाहिश है

हम जी भर कर उन्हे प्यार करें

सब कुछ उन पर निसार करें

बस वही मेरे हर गम हर खुशी के राजदार हों

बस एक यही ख्वाहिश है

1 comment:

Anonymous said...

Haqeeqat karo byaan to mazaak lagta hai,
ibadat karo jab to jhootha khwab lagta hai,
Are ye dil hai dil, aur dil ki hai ye sdaa,
aur tum kehte ho ki tumhe ye haseen ittfak lagta hai