Tuesday, July 15, 2008

कैसे बयां करू उस लम्हे को ......

कैसे बयां करू उस लम्हे को बस शब्दों मैं ...?

जैसे सुखी धरती पैर हो सावन की पहली बोछार
जैसे सूरज की किरण आई हो कमरे मैं पहली बार
जैसे अच् उठी हो गोरी कलाई चूडियों की जनक से
जैसे दुल्हन का रूम निखर उठे कर के साजन का दीदार

और कैसे बयां करू उस लम्हे को
जब छुआ था तुम्हारे होठो ने मेरे ओठो को पहली बार... पलक ....

2 comments:

Dr. Ravi Srivastava said...

Really u have used Heart-touching words from your inside heart.

"Bina tere na ek pal ho, na bin tere kabhi kal ho.
ye dil ban jaye patthar ka, na isme koi halchal ho."

...Ravi

Anonymous said...

लोगो ने शराब महखाने जा जा कर पी है,
जो दो पल में उतर जायेगी
हमने तो पी है अपने महबूब की होटों से,
जो उमर भर ना उतर पायेगी.


पर्ल...