वो केह कर चले इतनी मुलाकात बहुत है
मैंने कहा रुक जाओ अभी रात बहुत है
आसु मेरे थम जाए तो फ़िर शोख से जाना
ऐसे मैं कहाँ जाओगे के बरसात बहुत है
वो कहने लगे जाना मेरा बहुत है जरुरी
नही चाहता दिल तोडू तेरा पर है मज़बूरी
नही चाहता दिल तोडू तेरा पर है मज़बूरी
गर हो गई हो कोई खता तो कर देना माफ़
मैंने कहा हो जाओ अब चुप करो इतनी भी बात बहुत है
समज गई हु सब और कुछ कहना जरुरी नही
बस आज की रात रुक जाओ ,जाना इतना भी नही जरुरी..
बस आज की रात रुक जाओ ,जाना इतना भी नही जरुरी..
फ़िर कभी ना आउंगी तुम्हारी जिन्दगी मैं लौट कर
सारी उमर जीने के लिए आज की रात बहुत है .... बस आज की रात .. रुक जाओ ....
This poem is one of my favourite poem.. thats why i post here. hope u all like it ..whenever i read this poem in my diary i read again and again.
palak
4 comments:
दुनिया में बहुत गम मिलेगे,
सच मानो, अच्छे दोस्त बहुत कम मिलेगे.
जिस मोड़ पे सब छोड़ देगे साथ तुमारा,
दोस्त उसी मोड़ पे खड़े हम मिलेगे।
दिल की गलियों मे कोई गम न हो,
हमारी यह दोस्ती कभी कम न हो.
बस यही दुआ कि तुम खुश रहो,
क्या पता हम अगर कल हो न हो.
...रवि
http://meri-awaj.blogspot.com/
to tumne us raat se poocha ?
tum kahan se aaye,
aur kahan gaye?
kyon aaye
aur kyon gaye
.... nice n sweet palak
...raaaj
जाने कहाँ गए तुम बेचैन है रंगीन नजारे बेचैन है रंगीन नजारे जाने कहाँ गए तुम जाने कहाँ गए तुम
पर्ल...
ek raat is the fantastic poem. when i was reading this just lost in this poem .. SUPERB
Atharv
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