Sunday, July 20, 2008

प्यार की रस्म


बैठे रहो मेरे पास
ना जाओ कंही आज
इन आखरी पलो का साथ
तुम्हारी सांसो का एहसास
जी लेने दो अपना यह प्यार
फिर बिखर जायगी,इक काली रात
ना छोडो मेरा हाथ
कुछ पल बाद आप छुट जाएगा साथ
बह जाने दो अपने ज़सबातो को
फिर कौन सुनेगा, मेरे जाने के बाद
ऐसे ना छुपाओ अपनी भीगी पालकी
ना पौछेंगा कोई, मेरे बाद
देखो उस चाँद को, वो सब जानता है
कैसे हममे जुदा होते, तक रहा है
जब आयेगी तुम्हे मेरी याद
तुम भी ऐसे ही चाँद को तकना
मैं काले अम्बर पर भागती आऊंगी
हवा बन तुमसे लिपट जाउंगी
अपने प्यार की रस्म मरकर भी निभाउंगी...................

7 comments:

Anonymous said...

this is what u want to say ..
everything will be alright dear dont worry .
we all r with u always and forever..

Dr. Ravi Srivastava said...

अपने प्यार की रस्म मरकर भी निभाउंगी............

Amazing creations....Palak,

"इकरार मे शब्दो की एहमियत नही होती
दिल के जज़्बात की आवाज़ नही होती
आंख बयान कर देती है दिल की दास्तान
मोहब्बत लफ्ज़ो की मोहताज नही होती"
....Ravi

Anonymous said...

as usual
nice post

keep posting

Anonymous said...

खुदा किसीकी मुहब्बत पे फ़िदा न करे,
अगर करे तो जिंदगी भर जुदा न करे...
Pearl...

Anonymous said...

मुझे तुम्हारी जुदाई का कोई रंज नही
मेरी ख्वाबो की दुनिया में मेरे पास हो तुम
ये मत कहना की तुम्हे भूल जाओं
तुम्हे पता है मेरे जीने की आस हो तुम
पर्ल...

sahil said...

Ae kaash ke tu har waqt
Yun hi mere saatjh rahe
Na main kuch kahun
Tu bhi khamosh hi rahe
Bas nazron se nazrein
Isharon mein baatein kahe
Aur dekh kar yun humein

KOI aur deewana bhi yeh kahe

KI AE KHUDA TU YAAD AAYA
AE KHUDA TU YAAD AYA…..

Anonymous said...

Socha tha ek pal ke liye bhi nahi jiyenge
Socha tha kuch pal ke liye bhi nahi chorenge”
Itni duriya hai hamare beech
K chah kar bhi nahi mill sakenge”

“Socha tha bhool bankar bhool kar jayenge
Socha tha tumhe sochkar hi jiye jayenge”
“Kitni ankahi baatein na bol sake hum
Ekbar jarur mere yaadon se milna
Uske baad hi hum duniya chhorke chele jayenga”

...raaaj