Sunday, June 27, 2010

लकीरें .....!!!!!


कौन कहता है भाग्य की रेखाएं बदल नहीं सकती.........
मुझे याद है जब तुमने पहली बार अपनी कोमल उगलियों से मेरी हथेलियों को कुरेदा था ...
वो अनकही हाथों की लकीरे बदलने पर मजबूर हो गई थी
की तुजे इस बेजार जीवन मै ला कर उस ने हमेशा के लिए लकीरों का रुख बदल दिया

मुझे याद है तुने जब कहा थी की तेरी किस्मत मै शायद मै नहीं
तब वही लकीरे मचल कर कह गई की
अगर तू ना होती किस्मत मै
तो इतना साथ तेरा ना होता ....

आगे भी तू ही होगी जो ये लकीरे बदल कर ...
आ जाएगी हमेशा के लिए मेरी होने ...

देख लेना ये लकीरों का खेल..
क्या रंग लता है .... तेरे और मेरे जीवन मै.....
पलक

6 comments:

sahil said...

Naseeb Par Zindagi Kheli Jaati Hai,
Haathon Ki Lakeeron Par Taqdeer Paye Jaati Hai,
Khush Qismaat Hote Hain Woh,
Jin Ke Diloon Main Doston Ki Tasveer Paye Jaati Hai.

sahil said...

tum dekho na aaj tak un kamgaar hatheliyon ko sametkar rakha tha lakirone ke liye....
mujhe pata tha tum lautkar aaogee phir se, inlakiron ko khuredkar aur badha dogi..
jo tum tak jati hongi..

Anonymous said...

this is so touching lines....

~Pearl...

संजय भास्‍कर said...

so touching lines....

संजय भास्‍कर said...

so touching lines....

संजय भास्‍कर said...

बहुत पसन्द आया
हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..