Monday, June 14, 2010

कुछ पन्नो की दास्ताँ ........





आज शायद बहुत दिनों के बाद, में इन कोरे पन्नो पर कुछ सहेजने की कोशिश कर रही हूँ, कुछ बाते जो ज़िन्दगी की हकीकत हैं। खवाबो से दूर ज़मीन की देहलीज़ पर खड़ा एक मासूम ख्याल समेट कर एक नया आकर देने की कोशिश।

जिन्दगी के गुज़रे हुए लम्हों की कहानी ओज़ल सी हो चली थी. यादो की कैद मै उल्जी हुए मै पता नहीं अपने आप से भाग रही थी पर वहा मैंने तुम्हे पाया . "तुम्हारा मेरे जीवन मै आना एक दुआ था जो बिन मांगे मेरे दमन मै सिमट कर बैठ गई " .... ये ख्याल मेरे जेहन मै अक्सर आता है पर ना जाने मै तुम्हे ही खोजती हु. जो चेहरा मेरे ख्वाबो मै है उसे बदलो के उसपार ढूढ़ ने की कोशिश॥

रात के बैचैन लम्हो मै उसको तारो मै खोजना या फिर चाँद से बेहिसाब लड़ना की वो बदलो से पूछे की कहा हो तुम..एक रोज़ चाँद ने भी कहा मुज़ से की तुम जिसे खोजती हो उसे तुम खुद कैद कर बैठी हो अपने अक्स मै और लडती हो मुज़ से ।

सोचा मैंने वही पर की क्या ये सच है या ख्वाब की धरती ...गली गली खोजा जिसे जिन्दगी की तलाश मै... चाहत की तालश मै ...वो मिला मुजे अपने की अक्स मै.. वो मिला मुजे अपनी ही माग मै जब मैंने आइना देखा तो मेरा अक्स रंगीन पाया जो आज तक बेरंग थी उसे सिंदूरी रंग के लिबास मै पाया । चेहरे पर लगा हुआ था कुमकुम..सोचा कहा से आया तब माग को सजा हुआ पाया सिंदुर से.. वो मेरा ख्वाब मेरा ही आस्क निकला…. मेरा प्यार .. मेरा वजूद .. मेरी सांसे .. मेरी जिन्दगी…. वो हो तुम सिर्फ तुम…

Palak .....




3 comments:

संजय भास्‍कर said...

मेरा प्यार .. मेरा वजूद .. मेरी सांसे .. मेरी जिन्दगी…. वो हो तुम सिर्फ तुम…

अंतिम पंक्तियाँ दिल को छू गयीं.... बहुत सुंदर


.Sanjay Bhaskar.

Anonymous said...

तुम्हारा मेरे जीवन मै आना एक दुआ थी, जो बिन मांगे मुझे मिल गयी...

These are the words which I never ever forget!

~Pearl...

Anonymous said...

very touching...kuch sach jindagi ke jo shabdon ka swarup le tumhare panno pe aa gayi hai..kuch panno ki daastan...ek kabhi na khatam hone wali ankahi daastan...kp wrtng...Snkr..