मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी .... तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती....
Monday, June 28, 2010
“चले थे कुछ कोस….
मगर कदम मेरे फिर रुक गए…
कहना था जिन्हे कुछ…
कहे बिना ही लौट गए…
आज फिर बात दिल में रह गई….
जैसे हमारी सासें उनके हाथों में रह गई…
लौट तो आई हु ....
कुछ बिना कहे..
पर लगता है इसमें भी अरसे लग गए…
कब मिलेंगे वो…
अब तो तमन्ना है यही…
मिले तो एक बार चाहे सपने में ही सही…
कह दूँगी तब अपने सभी दिले-राज…
जाने कब आएगी वो रात…!!
Sunday, June 27, 2010
लकीरें .....!!!!!
कौन कहता है भाग्य की रेखाएं बदल नहीं सकती.........
मुझे याद है जब तुमने पहली बार अपनी कोमल उगलियों से मेरी हथेलियों को कुरेदा था ...
वो अनकही हाथों की लकीरे बदलने पर मजबूर हो गई थी
की तुजे इस बेजार जीवन मै ला कर उस ने हमेशा के लिए लकीरों का रुख बदल दिया
मुझे याद है तुने जब कहा थी की तेरी किस्मत मै शायद मै नहीं
तब वही लकीरे मचल कर कह गई की
अगर तू ना होती किस्मत मै
तो इतना साथ तेरा ना होता ....
मुझे याद है जब तुमने पहली बार अपनी कोमल उगलियों से मेरी हथेलियों को कुरेदा था ...
वो अनकही हाथों की लकीरे बदलने पर मजबूर हो गई थी
की तुजे इस बेजार जीवन मै ला कर उस ने हमेशा के लिए लकीरों का रुख बदल दिया
मुझे याद है तुने जब कहा थी की तेरी किस्मत मै शायद मै नहीं
तब वही लकीरे मचल कर कह गई की
अगर तू ना होती किस्मत मै
तो इतना साथ तेरा ना होता ....
आगे भी तू ही होगी जो ये लकीरे बदल कर ...
आ जाएगी हमेशा के लिए मेरी होने ...
देख लेना ये लकीरों का खेल..
क्या रंग लता है .... तेरे और मेरे जीवन मै.....
आ जाएगी हमेशा के लिए मेरी होने ...
देख लेना ये लकीरों का खेल..
क्या रंग लता है .... तेरे और मेरे जीवन मै.....
पलक
Monday, June 21, 2010
वो एक शक्श कहा से आया अजनबी बन कर....ना जाने कितनी उम्मीद से जुड़ कर वो मुझे जिंदगानी दे गया ..... जो चुपके से मेरे ख्यालों मै आता है और मेरी अनकही सादगी को महोब्बत से अपना लेता है ... वो मेरे उल्ज़े उल्ज़े से खयालो मै बस्ता है....दूर बैठे बदलो की खिड़की से जाखता हुआ सफ़ेद मलमल मै लिपटा चाँद सा लगता है ... जिस से मै हजारो मिलो दूर से घंटो तकती अनगिनत बेजुबान लव्जो से गुफ्तगू करती ...लडती... मानती.... बाते करती जी लेती हु .... मेरी आदतों को अपना खुदा बना कर वो आज कल मेरी ही आदत बन चूका है ...... हाथो को यु हल्क्तय से थमता है की कंगन भी शर्मा जाता है..... जब भी वो बाते कराय मुज से ....जैसे मेरे होठ सिल कर कोई लव्ज़ दफनाता है ...क्या कहे उनकी महोब्बत का हर रंग मुझे साँस से साँस जीना सिखाता है ..... होके गुमशुदा अधूरे एह जायेगे हम... उन के बिना कितना खौफ कितना सन्नाटा है .... की ना जाओ ये कहती है हर साँस कैसे कहू की रूह से जुदा हो कर जिस्म का कोई वजूद ना होगा ......
~~~~~~~~~~~~~~~~~palak ~~~~~~~~~~~~~~~~~
Monday, June 14, 2010
कुछ पन्नो की दास्ताँ ........
आज शायद बहुत दिनों के बाद, में इन कोरे पन्नो पर कुछ सहेजने की कोशिश कर रही हूँ, कुछ बाते जो ज़िन्दगी की हकीकत हैं। खवाबो से दूर ज़मीन की देहलीज़ पर खड़ा एक मासूम ख्याल समेट कर एक नया आकर देने की कोशिश।
जिन्दगी के गुज़रे हुए लम्हों की कहानी ओज़ल सी हो चली थी. यादो की कैद मै उल्जी हुए मै पता नहीं अपने आप से भाग रही थी पर वहा मैंने तुम्हे पाया . "तुम्हारा मेरे जीवन मै आना एक दुआ था जो बिन मांगे मेरे दमन मै सिमट कर बैठ गई " .... ये ख्याल मेरे जेहन मै अक्सर आता है पर ना जाने मै तुम्हे ही खोजती हु. जो चेहरा मेरे ख्वाबो मै है उसे बदलो के उसपार ढूढ़ ने की कोशिश॥
रात के बैचैन लम्हो मै उसको तारो मै खोजना या फिर चाँद से बेहिसाब लड़ना की वो बदलो से पूछे की कहा हो तुम..एक रोज़ चाँद ने भी कहा मुज़ से की तुम जिसे खोजती हो उसे तुम खुद कैद कर बैठी हो अपने अक्स मै और लडती हो मुज़ से ।
सोचा मैंने वही पर की क्या ये सच है या ख्वाब की धरती ...गली गली खोजा जिसे जिन्दगी की तलाश मै... चाहत की तालश मै ...वो मिला मुजे अपने की अक्स मै.. वो मिला मुजे अपनी ही माग मै जब मैंने आइना देखा तो मेरा अक्स रंगीन पाया जो आज तक बेरंग थी उसे सिंदूरी रंग के लिबास मै पाया । चेहरे पर लगा हुआ था कुमकुम..सोचा कहा से आया तब माग को सजा हुआ पाया सिंदुर से.. वो मेरा ख्वाब मेरा ही आस्क निकला…. मेरा प्यार .. मेरा वजूद .. मेरी सांसे .. मेरी जिन्दगी…. वो हो तुम सिर्फ तुम…
Palak .....
Monday, June 7, 2010
गुलज़ार .....
ik raat chalo ta'meer karen khamoshi ke sang-e-marrmarr par, hum taan ke tareeki sar par do shamaein jalayen jismon ko (piano interlude, heavenly),
jab aos dabbey paon utre aahat bhi na paye sanson ki, kohre ki reshmi khushbu mein, khushbu ki tarah hi lipte rahen, aur jism ke sondhey pardon mein roohon ki tarah lehrate rahen, ik raat chalo ta'meer karen..
ik raat chalo ta'meer karen..
Saturday, June 5, 2010
अनुभूति ....
तू एक दुआ था
जो बिन माँगे फल गयी थी
खुदा की यह नेमत
मुझे अज़ीज़ थी बहुत
मगर मैं इस बात से अंजान थी
की तू एक नेमत था
जब मैने तुझ पर हक़ जताया
वो नेमत मुझसे छीन ली गयी
जो बिन माँगे फल गयी थी
खुदा की यह नेमत
मुझे अज़ीज़ थी बहुत
मगर मैं इस बात से अंजान थी
की तू एक नेमत था
जब मैने तुझ पर हक़ जताया
वो नेमत मुझसे छीन ली गयी
क्यों की तुम रब की दी हुए नेमत था
::::::::
तू वो वक़्त है
जो मैने जिया है
जिसने मुझे रुलाया भी
हँसाया भी
मुझे मुझ से मिलाया भी
मगर वक़्त की आदत है बीत जाना
तू वक़्त था॥
::::::::
तू वो रिश्ता है
जो मेरा हमदर्द भी है
हम राज़ भी
जिसकी छाँव में
मैं महफूज़ थी
शायद मुझे ही
रिश्ते संभालना नही आया…
::::::::
तू एक ख्वाब था
ज़िंदगी का
ख़ुशी का
ख्वाब भी कभी
सच हुए हैं भला…
::::::::
तू एक कसक है
याद आता है
तो होंठों पर
ख़ुशी की एक लक़ीर खिच जाती है और
जाते जाते
एक तड़प छोड़ जाता है
तू बस एक कसक बन गया है …।
::::::::
तू वो वक़्त है
जो मैने जिया है
जिसने मुझे रुलाया भी
हँसाया भी
मुझे मुझ से मिलाया भी
मगर वक़्त की आदत है बीत जाना
तू वक़्त था॥
::::::::
तू वो रिश्ता है
जो मेरा हमदर्द भी है
हम राज़ भी
जिसकी छाँव में
मैं महफूज़ थी
शायद मुझे ही
रिश्ते संभालना नही आया…
::::::::
तू एक ख्वाब था
ज़िंदगी का
ख़ुशी का
ख्वाब भी कभी
सच हुए हैं भला…
::::::::
तू एक कसक है
याद आता है
तो होंठों पर
ख़ुशी की एक लक़ीर खिच जाती है और
जाते जाते
एक तड़प छोड़ जाता है
तू बस एक कसक बन गया है …।
::::::::
कोई तुज से कह दे आ कर
कि मैं अब नही रही
कि तुझसे जुड़ के ही तो पाई थी
खुद की पहचान मैने
तू जाते जाते
मेरे होने का एहसास भी ले गया
तू मुझे साथ ही ले गया…!!
कि तुझसे जुड़ के ही तो पाई थी
खुद की पहचान मैने
तू जाते जाते
मेरे होने का एहसास भी ले गया
तू मुझे साथ ही ले गया…!!
खुशबू ...!!!!
Wednesday, June 2, 2010
क्यों...?
समझ .....
ना सके दूरियाँ क्यूँ थी
जुबां .....
पर थे लफ्ज़ फिर मजबूरियाँ क्यूँ थी
दिलो .....
की बात अगर चाहे हकीकत होती है…….
हमारे .....
दरमियान वोह खामोशियाँ क्यूँ थी
बुने .....
थे हमने भी कुछ रेशमी धागों के खवाब…….
हमारे .....
हिस्से में वोह काली दूरियाँ क्यूँ थी
समझ .....
ना सके सरगोशियाँ हवाओं की ……
हमारे .....
हिस्से में सेहरा की आंधियां क्यूँ थी
तुमने .....
तो चाहा था की हर पल साथ रहे…….
सफ़र .....
तनहा तोह फिर वोह दूरियाँ क्यूँ थी
ना सके दूरियाँ क्यूँ थी
जुबां .....
पर थे लफ्ज़ फिर मजबूरियाँ क्यूँ थी
दिलो .....
की बात अगर चाहे हकीकत होती है…….
हमारे .....
दरमियान वोह खामोशियाँ क्यूँ थी
बुने .....
थे हमने भी कुछ रेशमी धागों के खवाब…….
हमारे .....
हिस्से में वोह काली दूरियाँ क्यूँ थी
समझ .....
ना सके सरगोशियाँ हवाओं की ……
हमारे .....
हिस्से में सेहरा की आंधियां क्यूँ थी
तुमने .....
तो चाहा था की हर पल साथ रहे…….
सफ़र .....
तनहा तोह फिर वोह दूरियाँ क्यूँ थी
Palak
For U.....
Lying on my bed and thinking of you,
Having u near with those feelings of you,
I never thought I’ll meet you this way,
My night is lonely and lonely is my day.
Thinking of you when I feel myself alone,
My heart starts crying who was before like a stone.
When I walk on my way I just wish to have you
When I see anywhere I wish to see you.
The world was laughing when I was waiting for you,
Saying that you are my dream which can never come true,
Always I asked god that just once I want to see you,
I always saw an image in my dreams which I found in you,
Never felt this ever in my life before I met you,
Every passing breeze touched me, thru which I felt you,
I wished I could hold you, touch you, feel you,
Even my heart says a wish that I want to love you,
Though you are far away from me it’s hard for me to see you,
With my closed eyes I always find myself beside you.
Holding you in my arms walking on those silent ways,
The world is seeing me alone but you are here with me always,
Looking at your eyes I feel like getting lost myself in them,
Once if you try you’ll know how much I love you
Wishing for this and the next coming life to be with you
Maybe it’s a dream of mine which will remain as a dream,
Yeah but when I dream.......
Having u near with those feelings of you,
I never thought I’ll meet you this way,
My night is lonely and lonely is my day.
Thinking of you when I feel myself alone,
My heart starts crying who was before like a stone.
When I walk on my way I just wish to have you
When I see anywhere I wish to see you.
The world was laughing when I was waiting for you,
Saying that you are my dream which can never come true,
Always I asked god that just once I want to see you,
I always saw an image in my dreams which I found in you,
Never felt this ever in my life before I met you,
Every passing breeze touched me, thru which I felt you,
I wished I could hold you, touch you, feel you,
Even my heart says a wish that I want to love you,
Though you are far away from me it’s hard for me to see you,
With my closed eyes I always find myself beside you.
Holding you in my arms walking on those silent ways,
The world is seeing me alone but you are here with me always,
Looking at your eyes I feel like getting lost myself in them,
Once if you try you’ll know how much I love you
Wishing for this and the next coming life to be with you
Maybe it’s a dream of mine which will remain as a dream,
Yeah but when I dream.......
I dream that I m really loving you.
Palak
Subscribe to:
Posts (Atom)