
सिर्फ इतना ही कहा है, प्यार है तुम से
जस्बातों की कोई नुमायिश नहीं की
जस्बातों की कोई नुमायिश नहीं की
प्यार के बदले सिर्फ प्यार माँगा है
रिश्ते की तो कोई गुज़ारिश नहीं की
चाहो तो भुला देना हमें दिल से
सदा याद रखने की सिफारिश नहीं की
ख़ामोशी से तूफ़ान सह लेते है जो
उन बादलों ने इज़हार की बारिश नहीं की
तुम मैं ही माना है रहनुमा अपना
और तो किसी चीज़ की ख्वाहिश नहीं की….