Friday, March 4, 2011

आँखों में ....!!!!


दूर जाने का खौफ,

दर्द और नमी..
लब हैं खामोश

मगर

अनगिनत बातें..... हिदायतें..
तेरी आँखों में भी है,

मेरी आँखों में भी..

टूटकर चूर हुए ख़्वाबों की चुभती किरचें..
ज़िन्दगी भर के लिए ज़ख्म लिए रूह को है गुमान ...

प्यार के सब सुनहरे लम्हे,

सिसकते.. तडपते ....

तेरी आँखों में भी है,मेरी आँखों में भी..

आज हमेशा के लिए जुदा होने की कसम उठाने की मजबूरी..
तेरी आँखों में भी है, मेरी आँखों में भी..

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