Sunday, November 2, 2008

मासूम महोब्बत ....


ये मुश्किल है ,
की भूल जाऊ तुजे ,
ये भी मुमकिन है ,
पा ही जाऊ तुजे ,
तू जहा है वहा ,
बात जाती नही ,
और वहा से ख़बर ,
कोई आती नही ....

तू बहुत दूर है ,
हां..! बहुत दूर है ,
मुजको मालूम है ,
तू बहुत दूर है ,
मगर क्या करे ,
दिल से जो हम मजबूर है .........

1 comment:

Anonymous said...

मुजको मालूम है ,
तू बहुत दूर है ,
मगर क्या करे ,
दिल से जो हम मजबूर है .........

Pearl...