Wednesday, August 6, 2008

प्यार का इज़हार ....!!!!!


आप को कहने का दिल मै जब जब ख्याल आया है
पहले बड़े जतन से हम ने लब्जो को सजाया है
राह मै अचानक जब आप नजर आते है
हलक से आने मै आवाज कुछ देर लगाती है
जब कहने को होते है तो आप गुजर जाते है
आज तक कुछ कह नही पाए है
हार कर लब्जो को कागज पर सजाये है
कुछ ज्यादा नही इतनी सी फरमाइश है
एक तुम जैसे जीवन साथी की ख्वाइश है
माफ़ कर दीजियेगा गर भूल हुए जो कह कर
एहसान होगा आप का जो ये प्यार कुबूल हो ....

पलक

5 comments:

Dr. Ravi Srivastava said...

कुबूल है कुबूल है सहर्ष कुबूल है
"हर कदम पर साथ तेरा होता तो कुछ और बात होती
बाहों मे तेरी गर मेरा वजूद होता तो कुछ और बात होती"
...Ravi

Anonymous said...

fantastic.....

amul said...

hi Pal,

vo kaat ke puraze udaa rahaa thaa
havaaon kaa ruup dikhaa rahaa thaa
vo ek din ek ajanabii ko
merii kahaanii sunaa rahaa thaa
vo kaat ke puraze…….

Anonymous said...

ehsaan hoga tera muj per
dil chahta hai wo kehnay do
muje tum se mahobbat ho gai hai ...muje palkoo ke chhav mai rehnay do.....

nice post dear...

Anonymous said...

Pal... here you r exactly able to express the feeling's in lovers mind...These r 100% TRUE !!!

Pearl...