Tuesday, August 5, 2008

क्या हो तुम .......


चलो आज मैं बताऊ
क्या हो तुम .......
मेरे लिए मेरी दुनिया हो तुम
छु कर जो गुजारी वो हवा हो तुम
मैने जो मांगी वो दुआ हो तुम
करे मुझे जो रोशन वो दिया हो तुम
दिल ये कहे मेरा जिया हो तुम
किया जो मैंने महसूस वो एहसास हो तुम
मेरे होठो की प्यास हो तुम
मेरे बाँहों की आस हो तुम
मेरी नजर की तलाश हो तुम
मेरी जमीन का आकाश हो तुम
मेरे चेहरे की कशिश हो तुम
मेरे सितारों की गर्दिश हो तुम
मेरी जिन्दगी का करार हो तुम
मैंने जो चाहा वो प्यार हो तुम
मेरे इंतजार की राहत हो तुम
मेरे दिल की धड़कन हो तुम
तुम हो तो ये दुनिया है मेरी
कैसे कहू की मेरी जान हो तुम........


पलक


5 comments:

Anonymous said...

Palak

bahut hi khub likha hai ..aap ki harek rachna ke liye hame kabhi kabhi alfaz nahi miltay.

Atharv

Dr. Ravi Srivastava said...

मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार, कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती अगर हो जाती मुरादे पल मैं पुरी तो मुरादे नही, ख्वाहिसे कहलाती....
...Ravi

amul said...

Hi pal,
What do I say, I am not even that liable that I can comment on this lines….! Its ....simply
marvellous !
I have tried my best to give some justice to this section and have expressed my personal feelings,
really




Guncha koi mere naam kar diya.....
Saki ne phir se mera jaam bhar diya...
Tum jaisa koi nahi is jahaan mein
Subah ko teri zulf ne shaam kar diya
Saki ne phir se mera jaam bhar diya...
Mehfil mein baar baar idhar dekha kiye
aankhon ke zazeeron ko mere naam kar diya
Saki ne phir se mera jaam bhar diya...
Hosh bekhabar se huye unke bagair
Woh jo humse keh na sake dil ne kah diya
Saki ne phir se mera jaam bhar diya...
Guncha koi hmm.......

Anonymous said...

तू ही मेरी शब् है सुबह है तू ही दिन है मेरा
तू ही मेरा रब है है तू ही मेरी दुनिया
तू वक्त मेरे लिए मैं हूँ तेरा लम्हा
कैसे रहूँगा भला होके में तुझसे जुदा...
पर्ल...

shabd said...

Tu muje soch kabhi
yahi chahat hai meri
mai tumje jaan kahu
yahi hasarat hai meri
mai tere pyar ka Arman liye baitha hu.... tu kisi aur ko chahe kabhi khuda na karay.....

i think this songs is perfact for this poem..