Monday, August 4, 2008

सिर्फ़ तुम .....!!!!


जब कभी पूनम का चाँद देखा तो,

तुम याद आते हो......
जब कभी सुबह की पहली किरण को देखा तो ,
तुम्हारा मुस्कुराना याद आता है .......
जब कभी सूरज को ढलता देखा
तो तुम्हारे गम याद आते है ......
जब कभी परिंदों की चेह्काहत सुनी
तो तुम्हारी मध्हम सी आवाज़ याद आती है ..........
जब कभी गुलाब को खिलते देखा
तो तुम्हारे लब याद आते है ........
जब कभी बरसते बदल को देखा
तो तुम्हारी याद मैं डूबी... वो शाम याद आती है
जब कभी नज़म को सुना
तो तुम्हारे कुस्हू के बसे ख़त याद आते है .....
जब कभी बरसती बूद को चमकते देखा
तो तुम्हारी आखे याद आती है ......
जब कभी तुम्हारे खातो को पढ़ा
तो तुम्हारा बेपनाह प्यार याद आता है.......
जब कभी अँधेरी रात मैं चमकते सितारों को देखा
तो तुम्हारे नज़रो की शरारत याद आती है .......
कभी समंदर को किनारे से टकराते देखा तो तुम्हारी
वो....... मुलाकात याद आती है ....
जब कभी चाँद को ...!
फूलो को ...!
बरसते बदलो को देख ....!
तो तुम्हारी याद आती है ....!
बस .........
जब जन मैं सास लू ,
तो तुम याद आते हो....
सिर्फ़ तुम .....!!!!

9 comments:

योगेन्द्र मौदगिल said...

जब कभी अँधेरी रात मैं चमकते सितारों को देखा
तो तुम्हारे नज़रो की शरारत याद आती है .......
कभी समंदर को किनारे से टकराते देखा तो तुम्हारी
वो....... मुलाकात याद आती है ....
Wah Wah
is romantic smriti ki badhai swikaren

Anonymous said...

Ab bachi hain merey pass to bas yaadein, kuch tumhari baaton ki un gehri kali raaton ki wo choti lambi mulaqaton ki ..!! Bas ab yehi meri daulat hain yehi mera hasil, Yaadein..!!

...raaaj

Dr. Ravi Srivastava said...

दिल जो टूटेगा तो फरियाद करोगे तुम,
हम न रहे तो हमें याद करोगे तुम।
आज तो कहते हो हमारे पास वक्त नही,
पर एक दिन मेरे लिये वक्त बरबाद करोगे तुम।
...Ravi

Anonymous said...

kya khub likha hai
aap ki soch kabhi kabhi itni gehri hoti hai ki use lawazo mai dhal kar khubsurti se yaha utar aati hai
bahut acchaa likha hai

Anonymous said...

Muje fir tabah kar
muje fir rula ja..
sitm karnay walay kahi se tu aa jaa.... kahi se tu aa jaa..
ye rachna padh kar ye geet yaad aa gaya ...

pankti

Anonymous said...

Tum Bin Kya Hai Jeena, Kya Hai Jeena
tum Bin Kya Hai Jeena
tum Bin Jiya Jaaye Kaise
kaise Jiya Jaaye Tum Bin
sadiyon Se Lambi Hain Raatein
sadiyon Se Lambe Hue Din
aa Jaao Lautkar Tum, Yeh Dil Keh Raha Hai...
Pearl...

Anonymous said...

hamesha ki tarah
sunder

amul said...

रोज़ रोज़ डाली डाली क्या लिख जाये भँवरा बावरा
कलियों के नाम कोई लिखे पैग़ाम कोई
बावरा भँवरा बावरा
रोज़ रोज़ डाली डाली ........

बीते हुए मौसम की कोई निशानी होगी
बीते हुए मौसम की कोई निशानी होगी
ददर् पुराना कोई याद पुरानी होगी
कोई तो दास्तान होगी ना
रोज़ रोज़ डाली डाली ........

होगा कोई वादा होगा वादा निभाता होगा
शाखों पे लिख कर याद दिलाता होगा
याद तो आती ही होगी ना
रोज़ रोज़ डाली डाली .......

Anonymous said...

Palak di,
just seen ur yeaterdays post.
its superb