तू मेरे पास नही है फ़िर भी
तेरी याद ये महोब्बत की है
तेरी याद ये महोब्बत की है
तेरे एहसास से महोब्बत की है
मैं तुम को किस तरह भूल सकती हु
मैंने तेरे वजूद से महोब्बत की है
कभी तो तुने भी मुझे याद किया होगा
मैंने उन लम्हात से महोबत की है
जिस मै हो सिर्फ़ तेरी और मेरी बाते
मैंने उस जिन्दगी से महोब्बत की है
और जो महकते हो तेरी ही महोबत से
मैंने उन जस्बात से महोबत की है
तुजसे मिलना तो अब ख्वाब सा लगता है
मैने उस इंतज़ार से महोब्बत की है ...
मैने उस इंतज़ार से महोब्बत की है ...
........PALAK.......
4 comments:
बहुत अच्छा लिखा है। आशा है आपकी कलम इसी तरह चलती रहेगी
और हमें अच्छी -अच्छी रचनाएं पढ़ने को मिलेंगे
बधाई स्वीकारें।
तेरा नाम मैंने लिया हैं यहाँ
मुझे याद तुने किया है वहाँ
तेरा नाम मैंने लिया हैं यहाँ
मुझे याद तुने किया है वहाँ
बड़े ज़ोर की आज बरसात
बड़े ज़ोर की आज बरसात
मेरे पास है तू मेरे पास है
मेरे साथ है मेरे साथ है.
पर्ल...
palak
really nice poem. mostly i read ur all posts so keep writing
atharv
अगर भूल गए हो , तो कोई बात नही
ज़ख्म तो पहले भी इस दिल पे लगा करते थे
मैं वही हूँ,जिसे तुम प्यार किया करते थे
blog to shandar hai achchha likhti hain aap
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