मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी .... तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती....
वाह जी क्या बात है...हर सोच में अदा है आपकी तो.सुंदर अभिव्यक्ति.
ये अदा बड़ी अच्छी है ...चलो आशिक सा हो जाता हूंदिल को छू गई आपकी ये रचना...बेहतरीन
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2 comments:
वाह जी क्या बात है...हर सोच में अदा है आपकी तो.
सुंदर अभिव्यक्ति.
ये अदा बड़ी अच्छी है ...चलो आशिक सा हो जाता हूं
दिल को छू गई आपकी ये रचना...बेहतरीन
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