एक सवाल है ज़हन में,हर वक्त रहता है,
कैसे कहू उसे मुझे जो दोस्त कहता है।
तू है मेरे लिए एक दोस्त से भी ज़्यादा,
हर दम दोस्ती निभाने का है मेरा इरादा।
कुछ बात है मेरे दिल में पर लफ्जों की कमी है,
आंखों में पढ़ के देख ले एक शरारत सी बनी है।
कोई डर सा बना है दिल में नही साथ यह जुबां,
खो न दूँ यह दोस्ती कर के हाल-ऐ-बयान॥
Thanks for these beautiful lines ravi.... Thanks a lot.... I Post this Nazm b'coz i like it so much....
3 comments:
TUM DOST HO MERE SADA K LIYE,
MAIN ZINDA HOON TUMHAARI WAFA K LIYE,
KAR LENA LAAKHON SHIKWE MUJH SE MAGAR,
KABHI KHAFA NA HONA KHUDA K LIYE.
चाहा तो जिंदगी से बहुत कुछ, मगर तुझे पाने की एक प्यास सी रह गई, चाह कर भी तुझे पा ना .... बंद मत करना कभी यह दोस्ती का सिलसिला, दिल की यह धड़कन आपकी दोस्ती से चलती है । ... पिछले बरस था खौफ के तुझे खो न दूँ कहीं , अब के बरस ये दुआ है.....
palak yeh comments maine likha tha. by mistake naam nahi likh paya.
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