दिल से निकली हर दुआ तेरे नाम
मेरी शाम सुर हर सुबह तेरे नाम तू अपनी वाफाओ का मुजे हिसाब ना देमेरी प्यार की हर वफ़ा तेरे नाम तू दूर है मुज से तोह कोई गिला नही मेरे प्यार की हर सदा तेरे नाम कभी गम के तू हर मत जाना मेरी हर खुशी की इब्तिदा तेरे नाम ...पलक ....
1 comment:
क्यों तेरा नाम दिल मे सुबह शाम गुंजता है,
क्यों तेरे सिवा मुझे कुछ और नहीं सूझता है,
ये सवाल जब भी पुछता हूं तो जवाब मिलता है,
क्या कभी चाँद भी रौशनी को भूलता है|
Post a Comment