जो असू ना होते आँखों में
तो आंखें इतनी खुबसूरत ना होती
जो दर्द ना होता दिल में
तो खुशी की कोई कीमत ना होती
जो बेवफाई ना की होती वक्त ने
तो वफ़ा की कभी चाहत ना होती
तो आंखें इतनी खुबसूरत ना होती
जो दर्द ना होता दिल में
तो खुशी की कोई कीमत ना होती
जो बेवफाई ना की होती वक्त ने
तो वफ़ा की कभी चाहत ना होती
अगर सोचने से पूरी हो जाती मुरादें
तो दुआओं की कभी ज़रुरत ना होती
तो दुआओं की कभी ज़रुरत ना होती
******पलक******
3 comments:
Hello palak.. welcome back.. itnay din bad aap ki poem padhnay ko mili hai... nice poem... keep posting...
Atharv
pallu itnay dino bad tum ne kuch post kiya hai ... missing u .. nice lines.
अगर सोचने से पूरी हो जाती मुरादें
तो दुआओं की कभी ज़रुरत ना होती
these r OSAEM lines.... bahut badhiya.
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