Saturday, March 14, 2009


जो असू ना होते आँखों में
तो आंखें इतनी खुबसूरत ना होती

जो दर्द ना होता दिल में
तो खुशी की कोई कीमत ना होती

जो बेवफाई ना की होती वक्त ने
तो वफ़ा की कभी चाहत ना होती

अगर सोचने से पूरी हो जाती मुरादें
तो दुआओं की कभी ज़रुरत ना होती
******पलक******

3 comments:

Anonymous said...

Hello palak.. welcome back.. itnay din bad aap ki poem padhnay ko mili hai... nice poem... keep posting...


Atharv

Anonymous said...

pallu itnay dino bad tum ne kuch post kiya hai ... missing u .. nice lines.

Anonymous said...

अगर सोचने से पूरी हो जाती मुरादें
तो दुआओं की कभी ज़रुरत ना होती

these r OSAEM lines.... bahut badhiya.