
हर बार उँगलियों को छू के ;
हाथ से फिसलता सपना;
हाथ से फिसलता सपना;
पास आके कोसो दूर
निकल जाने वाला सपना;
उम्मीद की हर डोर
हर बीते दिन पे
कमजोर बनने वाला सपना;
फिर भी हर नए दौर में
नई रोशनी देता सपना ..
इन आखों में सजता ये सपना;
जिंदगी को नया रूप रंग देता,
जीने के लिए एक मकसद देता,
फिर से टूटने के लिए
उभरता एक और नया सपना !!
पलक