Tuesday, March 11, 2014

सिर्फ़् तेरे लिये ये जीवन...


वो तेरा इश्क़् ..
तेरे वादे ....
वो पेहली  मुलाक़ात् ....
वो धडकता  हुअा  तेरा दिल्...
वो तेरा स्पर्श ...
वो बिस्तर कि सिलवटे ....
वो जाते वक़्त् मेरे  आसू ..
और ..तेरा वो बेबस सा चेहरा ..
वॊ छुटते  हुए हमारे हाथ ...
और फ़िर् एक सदी सी लम्बी  जुदाई ...
अचानक ...
सब खत्म ....
यही तो ना था अन्जाम - ऎ  - महोब्बत....


PG 





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