पिछले पहर की रात थी
तनहइयां और उसकी याद थी
चाँद ने मुझ से कहा कौन है ?
में ने कहा कोई खास नहीं
बोला ज़िन्दगी कैसी है ….????
में ने कहा कोई साथ नहीं
बोला फिर क्या चाहती हो….???
में ने कहा कोई आस नहीं
बोला तुमने प्यार किया है..???
में ने कहा कुछ याद नहीं
बोला तुम्हारे साथ भी धोका हुआ??
में ने कहा ऐसी कोई बात नहीं
बोला फिर एक बात कहूँ तुमसे..???
में ने कहा कोई ऐतेराज़ नहीं
बोला फिर …………..
तुने प्यार किया है जिस से अब वोह तेरे साथ नहीं......
तनहइयां और उसकी याद थी
चाँद ने मुझ से कहा कौन है ?
में ने कहा कोई खास नहीं
बोला ज़िन्दगी कैसी है ….????
में ने कहा कोई साथ नहीं
बोला फिर क्या चाहती हो….???
में ने कहा कोई आस नहीं
बोला तुमने प्यार किया है..???
में ने कहा कुछ याद नहीं
बोला तुम्हारे साथ भी धोका हुआ??
में ने कहा ऐसी कोई बात नहीं
बोला फिर एक बात कहूँ तुमसे..???
में ने कहा कोई ऐतेराज़ नहीं
बोला फिर …………..
तुने प्यार किया है जिस से अब वोह तेरे साथ नहीं......
और तू उस के प्यार मै जोगन बनी है......
मै ना कुछ बोल पायी बस खामोशियों ने बाते की .........
palak
2 comments:
तनहइयां और उसकी याद थी
wah kya khub likha hai Palak... You wrote well....
Pearl...!
Khamoshiyon ne baat kee,
Kya Khoob kee, Kya Khoob Kee...
Uska Chehra yaad aaya,
Woh,Khamoshi yaad aayee..
aur fir Khamoshiyon ne baat kee..
Kya Khoob Kee, Kya Khoob Kee...
Very well written... kp up d gud work.. write somethin new to follow...
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