Thursday, April 30, 2015

तुम..?



कभी आग आग 
कही धुँआ धुँआ 
कभी आस पास 
कभी यहाँ वहां 
कबी शोर हो तुम 
कभी मौन हो तुम 
कौन हो तुम..?

दर्द  से गेहरे 
सोच से उलझा 
प्यार  से नाज़ुक 
नक्श तुम्हारे 
ज़ेहन मै मेरे 
धुंधले धुंधले 

 इक शब्द हो तुम 
कोई सच हो तुम 
या उल्ज़ा हुआ ख्याल हो तुम 
कही रंगों से घुले 
कभी इनकार का 
कभी इंतज़ार का  
कभी इकरार का 
कभी तकरार का 
भीगा सा एक रंग प्यार का 
कभी  बे - मिसाल से 
कभी ला - जवाब से 
तू जो भी है 
बस मेरा ख्याल है 
या मेरे सवालो का जवाब है ....


1 comment:

Shekhar Suman said...

बहुत खूब.... :)