लबों पर खामोशी ने एक डेरा डाला है
गिरते हुए अश्कों को सन्नाटे ने संभाला है
ये दिल पत्थर बन गया पर प्यार निभाना जानता है
एक बेवफा से प्यार है ,ये एहसास पुराना जानता है ॥
palak
मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी .... तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती....
कितना प्यार करने लगे है ..
काश उन्हें यह एहसास हो जाए...
.ऐसा ना हो के वोह होश में तब आए जब हम गहरी नींद में सो जाए ..!!!
एक पल में वो हस देते है…
दूजे ही पल में खफा हो जाते है…
खट्टी-मीठी नोक झोक से…
हम एक दूजे का दिल बहलाते है…
क्या इसका ही नाम प्यार है?
उनके साथ यह दुनिया भरी सी लगती…
उनके बिना अजीब सा सूनापन है…
दुर्र सही उनका साथ मुझे है महसूस होता…
बात न होने से विराना है..
क्या इसका ही नाम प्यार है?
पल पल मुझे वो है सताते…
मुझे ही याद करते है हर पल..
फ़िर भी है क्यों इनता इतराते…
कभी खुशी का तो कभी गम का खुमार है…
क्या इसका ही नाम प्यार है?
प्यार हम दोनों एक दूजे से करते…
लडाई के मामले में भी आगे है रहते..
प्यार भी लडाई भी है…
नजदीकियां - तन्हाई भी है..
क्या इसका ही नाम प्यार है?
एक दूजे के बिना एक पल भी न रह पाते..
फ़िर भी लड़ने के बाद दोनों है इतराते..
एक दूजे की गलती मॉफ करना है हमने सीखा
हाँ इसीका नाम तो प्यार है…