तुझ संग बैर लगाया ऐसा
रहा ना मैं फिर अपने जैसा ......
अपना नाम बदल दूं या तेरा नाम छुपा लूं
या छोड़ के सारी आग मैं वैराग उठा लूं .....
ये काली रात जकड़ लूँ ये ठंडा चंदा पकड़ लूँ
दिन रात के बैरी भेद का रुख मोड़ के मैं रख दूँ .....
तुझ संग बैर लगाया ऐसा
रहा ना मैं फिर अपने जैसा ......
मेरा नाम इश्क़ तेरा नाम इश्क़
लाल_इश्क़ ......
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