मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी .... तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती....
Tuesday, November 10, 2009
नीद पलकों पे आ के बैठी है ,
Tuesday, November 3, 2009
पूछु क्या तुज से ,अब ना मैं तेरी चाहत मैं शामिल....
उसने सलाम लिख के भेजा.
मैंने पूछा तुम्हारा नाम क्या है?
उसने चाँद लिख के भेजा.
मैंने पूछा तुम्हे क्या चाहिए?
उसने सारा आसमान लिख के भेजा.
मैंने पूछा कब मिलोगे?
उसने कयामत की शाम लिख के भेजा.
मैंने पुछा किस से डरते हो?
उसने मुहब्बत का अंजाम लिख के भेजा.
मैंने पूछा तुम्हे नफरत किस से है?
उसने..मेरा ही नाम लिख के भेजा…
Tuesday, October 27, 2009
बस तू ही तू....!!!!
Thursday, July 23, 2009
दर्द की बारिश ..!!!
दर्द की बारिश मद्धम सही .... ज़रा आहिस्ता चल
दिल की मिट्टी है अभी तक नम .... ज़रा आहिस्ता चल
तेरे मिलाने और फिर तेरे बिछार जाने के बीच
फासला रुसवाई का है कम .... ज़रा आहिस्ता चल
अपने दिल में नहीं है उस की महरूमी की याद
उस की आंखों में भी है शबनम .... ज़रा आहिस्ता चल
कोई भी हो हम-सफर न हो खुश इस कदर
अब के लोगों में वफ़ा है कम .... ज़रा आहिस्ता चल
Wednesday, July 22, 2009
जो आंसू की धार बह गए!
हिसाब रख भी लेतें उस वक्त का….
अगर तोलकर मुहोब्बत करना आता हमें!
वोह छोड़ गए इस बात से ज्यादा….
वोह यादें तकलीफ देती है हमें!
वोह वफ़ा के वादें न करते,
तोह बेवफाई से शिकायत न होती!
दिल से चाह था उन्हें,
हर हुक्म को सराहा!
जो की उन्होंने गुजारिश जुदाई की,
तो हम करीब उनके रहते भी कैसे...
दर्द ...!!!!
आँसू-ओं के चलने की आवाज़ नही होती,
दिल के टूट ने की आहात नही होती,
अगर होता खुदा को हर दर्द का एहसास,
तो उसे दर्द देने की आदत नही होती!
Tuesday, July 14, 2009
ना अब वों राह है..ना अब वों हम…!!!
खो गए ख्याल, टूट गई है कलम
चलते चलते लिया वक्त ने यूँ मोड़
जा रहे थे कहीं, चल दिए कहीं हम
ना कहने को कुछ, ना सुनने की ख्वाहिश
हर जज्बे से खाली जैसे अब हुए हम
अस्खों का समुन्दर उमड़ रहा है दिल मैं
खुश्क हैं लेकिन, नहीं हैं आँखें नम
खो रहे हैं पुराने, जुड़ रहे नए रिश्ते
Friday, June 19, 2009
Wednesday, June 17, 2009
एहसास ...
कितना प्यार करने लगे है ..
काश उन्हें यह एहसास हो जाए...
.ऐसा ना हो के वोह होश में तब आए जब हम गहरी नींद में सो जाए ..!!!
Tuesday, June 16, 2009
कल्पना
कल्पना के अनदेखे झूले में
सपनो के झरोखों से
एक बार मैंने देखा है तुम्हे
कंही खोकर ना रह जाए यह अहसास
बाँध लो हर साँस से साँस
प्यार का सफर लंबा नही
तुम उही ना बिछड़ जाओ कही
ज़िन्दगी का अब एतबार नही
खाली जीवन हमें स्वीकार नही
जहाँ मेरी सीमा नही
उड़ना चाहते हो तुम वन्ही
उन सीमओं से परे मैंने देखा है तुम्हे
कल यह नज़ारे बदल ना जाए कंही
रो़क ना ले यह रस्मो रिवाज़ कंही
छोड़ दुनिया के साथ सभी
तोड़ सब बंधन आज यंही
खुले पंछी की तरह देखा है तुम्हे
इंतज़ार की इन्तहा हुए
आज तो मान जा युही
तुम्ही से प्यार है कहती हु
तुम बिन यह निरर्थ जीवन जीती हु
जीवन की जगह देखा है तुम्हे
कल्पना के अनदेखे झूले में
सपनो के झरोखों से
एक बार मैंने देखा है तुम्हे…
Monday, June 15, 2009
क्या इस का नाम प्यार है..?
एक पल में वो हस देते है…
दूजे ही पल में खफा हो जाते है…
खट्टी-मीठी नोक झोक से…
हम एक दूजे का दिल बहलाते है…
क्या इसका ही नाम प्यार है?
उनके साथ यह दुनिया भरी सी लगती…
उनके बिना अजीब सा सूनापन है…
दुर्र सही उनका साथ मुझे है महसूस होता…
बात न होने से विराना है..
क्या इसका ही नाम प्यार है?
पल पल मुझे वो है सताते…
मुझे ही याद करते है हर पल..
फ़िर भी है क्यों इनता इतराते…
कभी खुशी का तो कभी गम का खुमार है…
क्या इसका ही नाम प्यार है?
प्यार हम दोनों एक दूजे से करते…
लडाई के मामले में भी आगे है रहते..
प्यार भी लडाई भी है…
नजदीकियां - तन्हाई भी है..
क्या इसका ही नाम प्यार है?
एक दूजे के बिना एक पल भी न रह पाते..
फ़िर भी लड़ने के बाद दोनों है इतराते..
एक दूजे की गलती मॉफ करना है हमने सीखा
हाँ इसीका नाम तो प्यार है…
Saturday, June 13, 2009
Silent Winds from the past..!!!
Someday a silent wind blew,
It whispered something into my ears,
And my soul started flying through years,
Life was new to me,
Nothing was as beautiful as he,
Another wind blew and,
I lost count of them,
Today it blew but never reached me,
Something was broken in between it and me,
Nothing happened except,
Those winds took my everything except me….
Tuesday, May 26, 2009
वोह कुछ...!!!!
वोह कुछ जो ना तुमसे कहना था
वोह जो अधुरा रहना था
वोह तुम अब भी ना समझ सके
दिल में रहकर भी वोह अलग रहे
तुमने मुझे शब्दों में बंधना चाह
मैंने तो सिर्फ़ तुम्हे चाह
यह दिल की लगी भी ऐसी थी
इस आग में मुझको जलना था
जीवन के किनारों में तुम्ही थे
में लहर बनी पर सिमट ना सकी
तुम पास मगर बहुत दूर रहे
में ओस बन बिखर ही गई
सांसे है कमजोर मन है विकल
यांदो में तुम आए पल ... विपल
वोह कुछ तोड़ गए हमें ...कुछ टूट गया
वोह सपना नही दिल अपना था…
Monday, May 25, 2009
Nazm ...
कैसे कहू उसे मुझे जो दोस्त कहता है।
तू है मेरे लिए एक दोस्त से भी ज़्यादा,
हर दम दोस्ती निभाने का है मेरा इरादा।
कुछ बात है मेरे दिल में पर लफ्जों की कमी है,
आंखों में पढ़ के देख ले एक शरारत सी बनी है।
कोई डर सा बना है दिल में नही साथ यह जुबां,
खो न दूँ यह दोस्ती कर के हाल-ऐ-बयान॥
Thanks for these beautiful lines ravi.... Thanks a lot.... I Post this Nazm b'coz i like it so much....
एक अनुभूति...!
जीवन पर्व सा ठहरा हुआ
गगन भेदी यह भावना
शब्दों को नकारता यह भावना का पल
शब्द क्यों ठहरे ..?
मानव की उपलब्धी है ये
शब्द जाल है तो है ये कभी माला पर वों पल वही है
अम्बर सा स्थिर..
शब्द क्या कराय उसे अलंकृत
वोह पल... एक शब्द नहीं ..
एक अनुभूति है ...!!!
Saturday, May 16, 2009
Wednesday, April 29, 2009
ज़िन्दगी के रूह को मोहब्बत की ज़रूरत है.
ख्वाब टूट जाते हैं कांच के टुकडों की तरह,
जज्बातों के सैलाब में सूखे आंसुओं की तरह.
अरमानों के भवर में क्यूँ खो गए जज़्बात मेरे?
खुदा के अज़ान में भी दबे हैं कहीं आंसू मेरे.
बे-पनाह मोहब्बत से फकत अलेहदा है ज़िन्दगी तुम्हारी,
Sunday, April 26, 2009
"महोब्बत छोड़ दी हम ने"
यह दुःख हम सहे नहीं सकते
चलो हम मान लेते हैं
के तुम बिन बुहत रोये
कई रातों को ना सोये हम
मगर अफ़सोस है की तुम नही हो
न हम पर इल्जाम देना
"महोब्बत छोड़ दी हम ने"
Friday, April 24, 2009
एक दूजे पे मरते है .....
हम प्यार की बातें करतें थे,
ख्वाबो में खोये रहते थे,
बाँहों में सोये रहते थे
हम आशिक थे .... दीवाने थे ....
इस दुनिया से बेगाने थे ..
यह उन दिनों की बात हे,
जब हम पागल पागल फिरते थे.
कहते थे कुछ ... और सुनते थे कुछ ,
हम फूल वफ़ा के चुनते थे.
कभी हसते थे ... कभी रोते थे,
हम यार जुदा जब होते थे,
हमे सब कुछ अच्छा लगता था,
अफसाना सच्चा लगता था,
यह उन दिनों की बात हे,
जब हम पागल पागल फिरते थे.
तन्हाई में जब मिलते थे,
दिल में हलचल सी होती थी,
हम दोनों जागते रहते थे.
जब सारी दुनिया सोती थी,
जब याद तुम्हारी आती थी,
चाहत के नगमे गाते थे,
बेचैन दीवानी धड़कन को.
बहलाते थे समजते थे,
यह उन दिनों की बात हे,
जब हम पागल पागल फिरते थे.
एक दूजे पे मरते थे,
हम प्यार की बातें करतें थे,
ख्वाबो में खोये रहते थे,
बाँहों में सोये रहते थे
हम आशिक थे दीवाने थे
इस दुनिया से बेगाने थे ,
यह उन दिनों की बात हे,
जब हम पागल पागल फिरते थे। .....
Wednesday, April 22, 2009
नासूर ......!!!!
कोई ज़ख्म नही, ना कोई दर्द है ...
बस एक खामोशी सी इस दिल में है ...
कुछ गिला भी नही, कुछ खोया भी नही ...
बस एक अधूरापन इस दिल में है ...!!!!
ना कुछ कहने को है ...ना सुने को है...
सवाल भी अब नही मन मैं ..
भुलाना ही क्या किसी को जब वों याद ही नही ...
बस एक बेचेनी सी है इस दिल मै कहीं
चाँद से क्या कहू, अब तो कोई अँधेरा भी नही
ना दिन की तलाश है, ना रौशनी की कमी
ग़म, उदासी, कोई आंसू भी नही अब
तो फिर इस दिल को किस चीज़ की कमी सी है ....!!! ?
पलक .......
Tuesday, April 21, 2009
Mari Akhay Kanku Na Suraj Athamya ....!!!
મારી વે’લ શંગારો વીરા, શગને સંકોરો
રે અજવાળાં પહેરીને ઊભા શ્વાસ!
મારી આંખે કંકુના સૂરજ આથમ્યા ….
પીળે રે પાંદે લીલા ઘોડા ડૂબ્યા;
ડૂબ્યાં અલકાતાં રાજ, ડૂબ્યાં મલકાતાં કાજ
રે હણહણતી મેં સાંભળી સુવાસ!
મારી આંખે કંકુના સૂરજ આથમ્યા ….
મને રોકે પંછાયો એક ચોકમાં;
અડધા બોલે ઝાલ્યો; અડધો ઝાંઝરથી ઝાલ્યો
મને વાગે સજીવી હળવાશ!
મારી આંખે કંકુના સૂરજ આથમ્યા ….
Saturday, March 14, 2009
Thursday, January 8, 2009
गर ये आखे किसी की शिफारिश ना करती
गर ये आखे किसी की शिफारिश ना
Wednesday, January 7, 2009
कुछ सवाल कुछ अनकहे जवाब ...
ज़माने के डर से इकरार न कर पाए…
न थी जिनके बिना ज़िन्दगी मुनासिब…
छोड़ दिया साथ उन्होंने और हम सवाल तक न कर पाए…
एक सवाल का ही दायरा था..
हम पार कर न सके....
जो हो गए थे मन् ही मन् हमारे...
चाहकर भी उन्हें इजहार कर न सके..
तकदीर में था ही बिछड़ना हमे..
सोच कर कभी आगे बढ न सके...
आज भी मुकाम है उनका इतना ..
चाहकर भी आजतक नज़रे उठा न सके.
पाने से खोने का मजा और है..
बंद आंखों में रोने का मजा और है..
आंसू बने ग़ज़ल और इस ग़ज़ल में आप के होने का मज़ा कुछ और है...
Tuesday, January 6, 2009
बेजुबान एहसास
वो ही देता है तकलीफ हज़ार
उसके दिल में होता है
तुम्हारी हर बात के लिए इकरार
करो तुम चाहे उस से कितना भी इनकार
लगेगा वो तुम्हे प्यारा हर बार
रूठ जाओगे तोह मनायेगा वो
हर बात पर तुमसे करेगा तकरार
पर एक बार उस से कह कर देखना
जिंदगी भर करेगा तुम्हारा इन्तेज़ार
तुम्हारे हर दुःख को अपनाकर
देगा तुम्हे खुशियाँ हज़ार
करेगा तुम्हारी हिफाज़त कुछ वैसे ही
जैसे फूलों की हिफाजत कांटे करते है हर बार