Friday, April 24, 2009

एक दूजे पे मरते है .....



एक दूजे पे मरते थे,
हम प्यार की बातें करतें थे,
ख्वाबो में खोये रहते थे,
बाँहों में सोये रहते थे
हम आशिक थे .... दीवाने थे ....
इस दुनिया से बेगाने थे ..
यह उन दिनों की बात हे,
जब हम पागल पागल फिरते थे.

कहते थे कुछ ... और सुनते थे कुछ ,
हम फूल वफ़ा के चुनते थे.
कभी हसते थे ... कभी रोते थे,
हम यार जुदा जब होते थे,
हमे सब कुछ अच्छा लगता था,
अफसाना सच्चा लगता था,
यह उन दिनों की बात हे,
जब हम पागल पागल फिरते थे.

तन्हाई में जब मिलते थे,
दिल में हलचल सी होती थी,
हम दोनों जागते रहते थे.
जब सारी दुनिया सोती थी,


जब याद तुम्हारी आती थी,
चाहत के नगमे गाते थे,
बेचैन दीवानी धड़कन को.
बहलाते थे समजते थे,
यह उन दिनों की बात हे,
जब हम पागल पागल फिरते थे.

एक दूजे पे मरते थे,
हम प्यार की बातें करतें थे,
ख्वाबो में खोये रहते थे,
बाँहों में सोये रहते थे
हम आशिक थे दीवाने थे
इस दुनिया से बेगाने थे ,
यह उन दिनों की बात हे,
जब हम पागल पागल फिरते थे। .....


पलक

3 comments:

Writer said...

Wow...thats really a great poem... Palak tum great ho yaar! I loved this one... especially...

यह उन दिनों की बात हे,
जब हम पागल पागल फिरते थे।

amul said...

Hi pal,

my one of the favorite song..
Humko Ishq Ne Mara
is movie ke saare gaane bahut achhe hai...
dhingana par bhi pada hai
samay mile to sunna kabhi

raaaj said...

रचना इतनी अच्छी है की एक सांस में पढ़ गया सीधे और सरल शब्दों में इतनी चटीली बात शायद ही इससे बेहतर तरीके से कही जा सकती हो !!
बधाई स्वीकार करो !!