Sunday, April 26, 2009

"महोब्बत छोड़ दी हम ने"

यह तुम से कह दिया किस ने
के तुम बिन रहे नहीं सकते
यह दुःख हम सहे नहीं सकते
चलो हम मान लेते हैं
के तुम बिन बुहत रोये
कई रातों को ना सोये हम

मगर अफ़सोस है की तुम नही हो
गर पोछना चाहो असू
तोह ये वादा है तुम मायूस लौटो गे

न हम पर इल्जाम देना
जब सोच मैं तुम यु कभी खो जोगे
सोच पाओगे की ये क्या किया हम ने
याद तोह बहोत आएगी तुम्हे
पर वहा से एक ही चीख आएगी
पुरानी एक रिवायत तोड़ दी हम ने
"महोब्बत छोड़ दी हम ने"
पलक

1 comment:

Writer said...

kabhi kabira deewana tha, kabhi meera diwani thi
yahaan sab log kehte hain meri aankhon mein aasoon hain
jo tu samjhe to moti hai, naa samjhe to paani hai

samandar peer ka andar hai lekin ro nahin sakta
ye aasoon pyaar ka moti hai isko kho nahin sakta
meri chahaht ko apna tu bana lena magar sun le

Pearl...