मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी .... तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती....
वो मरने से पहले एक बार जी लेना
इसी को कहते हैं इश्क़ कर लेना...!!!
Post a Comment
No comments:
Post a Comment