कुछ एहसास जागने बाकी थे
तुम कुछ पल जो ठहर जाते
कुछ जज़्बात जागने बाकी थे
तुम बहो मैं जो समेट लेते
कुछ कसमे वादे पुरे कर लेते
मैंने उनको गर रोक लिया होता
कुछ कदम साथ चल लेते
तुम्हे मुड का बुला लिया होता
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3 comments:
good to see you after long time.. .awesome poem
~Pearl...
जिंदगी बदल गई है वो सब कुछ हो रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ
वाह! क्या बात है बहुत ख़ूब!
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