सिलसिला तोड़ दिया उस ने
तो अब ये सदाएँ कैसी ???
अब जो मिलना ही नहीं
फिर ये वफायें कैसी ???
मैंने चाहां था
सब शिकवे गिले दूर करू
उन्होने ज़हमत ही ना की
सुनने की तो अब शिकायत कैसी ???
ले लो वापीस ये आसू ..ये तड़प
और ये यादें सारी ..
नहीं कोई जुर्म मेरा
तो अब ये सजाएं कैसी ???
पल
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