अनदेखे ख़्वाबों को तुम्हारी नज़र की ज़रूरत है,
ज़िन्दगी के रूह को मोहब्बत की ज़रूरत है.
ख्वाब टूट जाते हैं कांच के टुकडों की तरह,
जज्बातों के सैलाब में सूखे आंसुओं की तरह.
अरमानों के भवर में क्यूँ खो गए जज़्बात मेरे?
खुदा के अज़ान में भी दबे हैं कहीं आंसू मेरे.
बे-पनाह मोहब्बत से फकत अलेहदा है ज़िन्दगी तुम्हारी,
ज़िन्दगी के रूह को मोहब्बत की ज़रूरत है.
ख्वाब टूट जाते हैं कांच के टुकडों की तरह,
जज्बातों के सैलाब में सूखे आंसुओं की तरह.
अरमानों के भवर में क्यूँ खो गए जज़्बात मेरे?
खुदा के अज़ान में भी दबे हैं कहीं आंसू मेरे.
बे-पनाह मोहब्बत से फकत अलेहदा है ज़िन्दगी तुम्हारी,
के सुर्ख फूलों में जिंदा है आज भी खुशबू तुम्हारी
1 comment:
ज़िन्दगी के रूह को मोहब्बत की ज़रूरत है.
Dil ko dhadkaneke liye tumhari jarurat hai...
Pearl...
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