आइने संग कुछ समय बिता ...
अभी पलटी ही थी वो ....,
कि बोल उठा वो अहंकारी आइना ...
तेरी सुन्दरता मेरे अस्तित्व से है ...,
एक मीठी मुस्कान के साथ ...
वो मुखातिब थी आइने से ....
सुन्दरता मेरी मोहताज़ नहीं ....
किसी के अस्तित्व की ....
ये मेरा वजूद है ....
जो मुझे इस काबिल बनाता है ......
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