सपने जो तेरे नाम से बुनती हु ....
जब जब हथो मे मेहदी का घेहरा रंग चढा था ...
तब तब तेरे प्यार का असर दिखा था..
जब जब हथो मै कंगन खनकते ....
तब तब मेरी अखियो से मोती बरसते ....
जब जब पैरो कि पायल छनकती ...
तब तब तेरे आने कि उम्मीद मचलती ......
जब जब .....
तब तब........
2 comments:
Aisa sapna tou na dekha aj tak na suna.,vry butifl mam.,jo apki zindgi main ho hoga..realy bht lucky hoga...
एक बहुत सुन्दर सपना
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