Saturday, March 28, 2015



जो पल बीते साथ में.
फिसलती रेत हो जैसे हाथ में..
अब याद आते है...!

हर बात बताने की जल्दी...
सब कुछ कह जाने की जल्दी...
अब याद आते है..

कभी खूब हसना ..
और कभी कभी रोना..
दोस्तों से नाराज होने का जैसे हक होना...
अब याद आते है..

वो पुराने से दिन..
वो पल छिन...
अब याद आते है..

जो गुजर गये..
फिर न आने के लिए ...
दे गये यादे , खो जाने के लिए...
अब याद आते है...!

पास है दूर , रहके भी..
जो नहीं है..भूल जाने के लिए....!
अब याद आते है...

वो बेफिक्री की जिन्दगी...
वो परिंदों सा जीवन...
अब याद आते है...!

पेड़ की छाया में..
गप्पे लड़ाते हम ..
अब याद आते है...


कभी न बिछड़ेंगे ...
देंगे साथ हर दम..
दोस्ती के वो मौसम..
अब याद आते है....

इन यादो के सहारे..
आगे बढ़ते जाते है..
फिर लौटेंगे दिन वो पुराने..
दिल को ये समझाते है...
दोस्त न सही ..
दोस्ती साथ रहती है...
ऐसी दोस्ती को दिल में बसाए जाते है..!

दिल पे दस्तक देकर, मन में जो बस जाते है...
वहीँ पल...अब याद आते है...!! 

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