एक फ़ौजी के दिल् कि बात ...
जब वो युद्ध पर जाता है तो अपने साथी से बोलता है :
जब मे शहिद हो जाउ....
“साथी घर जाकर मत कहना,संकेतो में बतला देना.."
मेरा हाल मेरी बहना पूछे तो, सर उसका सहला देना
इतने पर भी न समझे तो, राखी तोड़ देखा देना !
“साथी घर जाकर मत कहना,संकेतो में बतला देना.."
मेरा हाल मेरे पत्नी पूछे तो, मस्तक को झुका लेना
इतने पर भी न समझे तो, मांग का सिन्दूर मिटा देना !
“साथी घर जाकर मत कहना,संकेतो में बतला देना .."
मेरा हाल मेरी माँ पूछे तो, दो आंसू छलका देना
इतने पर भी न समझे तो, जलता दीप बुझा देना !
“साथी घर जाकर मत कहना,संकेतो में बतला देना.."
मेरा हाल मेरे बूढ़े पिता पूछे तो, हाथो को सहला देना
इतने पर भी न समझे तो, लाठी तोड़ दिखा देना ...!
ना कहना किसी से शब्दॊ से
बस बतला देना संकेतो में
कि अब ना मै वापिस आउगा
ना आउगा .................
* Dedicated to all soldiers of our country..Specially dedicated to very special person of my life..
Palak .....
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