दिल मेरा पूछता है ऐ दोस्त तू कहा जा रहा है
जरा मुड के देख यहाँ
ना त्यौहार सँभालते है ना सम्बन्ध संभलते है
दिवाली हो या होली सब ऑफिस मै ही अब मनाते है
ये सब तो ठीक है पर हद वहा होती है
शादी के कार्ड मिलने पर गोद भराई मै भी शायद ही जा पाते है
दिल पूछता है ऐ मेरा , ऐ दोस्त तू कहा जा रहा है
है तो पाच शून्य का पगार पर खुद के लिए पाच मिनट भी कहा है
पत्नी का फ़ोन पाच मिनट मै काटते है पर क्लाइंट का फ़ोन कहा काट पाते है
फोनेबूक भरी है दोस्तों से पर किसी के घर कहा जा पाते है
अब तो घर के फंक्शन भी हाफ डे मै मानते है
दिल पूछता है मेरा , ऐ दोस्त तू कहा जा रहा है
किसी को पता नहीं ये रास्ता कहा जा रहा है
थके ही सब मगर सब वाही जा रहे है
किसी को सामने रुपिया तो किसी को डोलर दीखता है
आप ही कहिये दोस्तों क्या इसे जिन्दगी कहते है
पलक